सीढियाँ उनके लिए अमोघ
छतों तक जिनकी जाना हैं
बादलों पर हैं, दृष्टि
जिनकी
स्वयं ही राह बनाना हैं
हाँ दोस्तों हमें स्वयं ही राह बनाना होता हैं हाल ही में
इंस्पायर आवार्ड २०१३ में निचिकेता वत्स को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ निचिकेता ने
जीवन रक्षक जैकेट जो तैयार कर ली थी हाँ दोस्तों जीवन रक्षक जैकेट मतलब बाढ़ जैसी
आपदा से बचने के लिए एक प्रकार का जैकेट होता है जिसे पहनने के बाद आदमी डूबता
नहीं और इसकी प्रेरणा उसे तब मिली जब इसके गाँव के छात्रों को बाढ आने पर विद्यालय जाने के लिए कठिन समस्याओ
का सामना करना पड़ता था छात्रों का यह कष्ट निचिकेता के दिल को छू गया साथ ही ये
बताते चले की निचिकेता का गाँव एक बाढ़ग्रस्त क्षेत्र हैं जो अरवल जिले के लारी
गाँव के नाम से जाना जाता है निचिकेता ने
अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक परियोजना बनाइ तथा अपने विज्ञान के शिक्षक श्री
नारायण वत्स से भी सहयोग प्राप्त की और बना डाली जीवन रक्षक जैकेट, इस जैकेट को
बनाने में बिलकुल ही अनुपयुक्त प्लास्टिक बोतल
का प्रयोग किया जिसके कारण इसको इंस्पायर अवार्ड का द्वित्य स्थान प्राप्त
की, निचिकेता बिहार बाल भवन किलकारी में लेखन विधा का छात्र है जो आज के छात्रों
के लिए मिसाल की तरह है,
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