बिहार बाल नीति 2013 का बाल सुलभ संस्करण

दिनांक 15 फरवरी 2014 को बिहार विधानसभा के उप-सभागार में बाल नीती 2013 के लिए कार्यशाला आयोजित कि गई| इस कार्यशाला का उद्देश्य बालनीती 2013 के बाल सुलभ संस्करण का प्रारुप तैयार करना था|  यह एक राज्य स्तरीय परामर्शी कार्यशाला थी| इस कार्यशाला का नारा था - बच्चों के विचार, बच्चों के साथ|
कार्यशाला का उदघाटन बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सचिव डॉ एन विजयालक्ष्मी एवं यूनिसेफ के प्रमुख यामिन मजुमदार ने किया|
इस कार्यशाला में किलकारी की प्रियम्वदा एवं पवन ने राष्ट्रीय बाल नीति के सुलभ संस्करण एवं इसे तैयार करने में किलकारी के योगदान को पावर पाइंट के माध्यम से बताया|
कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन प्रवीर बोस एवं अंजु उप्पल ने बच्चों से बातचीत की| इस बातचीत से बच्चों को काफी जानकारी मिली| जैसे- नीति क्या है, बाल नीति क्या है, अधिकार क्या है, क्या सभी बच्चों को उनके अधिकार मिलते चाहिए, कितने उम्र के व्यक्ति बच्चे कहलाते है, बच्चों के क्या-क्या अधिकार होने चाहिए|
इन सभी सवालों पर बच्चे क्या सोचते हैं, इस पर विशषज्ञों ने विशेष ध्यान दिया गया|
कार्यशाला के इस सत्र में बच्चों को आठ समूहों में बाँटा गया| इन्हें चार विषय दिये गये:- 1) शिक्षा एवं विकास 2) भागीदारी, 3) जीने का अधिकार 4) सुरक्षा का अधिकार| दो-दो समूहों को एक विषय दिया गया|
कार्यशाला के समापन सत्र में मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष Sश्री उदय नारायण चौधरी उपस्थित रहे| बच्चों ने अपनी-अपनी प्रस्तुति में निम्नलिखित विचार रखेँ:-
·         जाति बंधन तोड़ने का आहवान
·         जीने का अधिकार, विकास का अधिकार
·         शिक्षा में सुधार हो
·         हर दिन विध्यालय के असेंबली में एक सर्वष्रेष्ठ बच्चे को पुरस्कृत किया जाए
·         शिक्षा के साथ-साथ सृज्नात्मकता का भी विकास हो
·         वोकेशनल ट्रेनिंग जैसे- कम्प्युटर, कुकिंग, हैन्डिक्राफ्ट इत्यादि दी जाए
·         संम्पूर्ण विकास हो
·         समाज में समानता हो
·         बच्चों की हर क्षेत्र में सहभागिता हो
·         समाग में जागरूकता हो
·         मुख्य्मंत्री दरबार की तरह बच्चा दरबार भी लगे
·         बाल कमेटी का गठ्न हो
·         सभी अधिकारी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में हीं पढ़ायें
·         विध्यालयों में नैतिक एवं व्य्वसायिक शिक्षा भी दी जाए
समापन समारोह को संबोधित करते हुए Sश्री उदय नारायण चौधरी ने कहा:- शैक्षिक असमानता को दूर किए बिना बच्चों के अधिकार अधूरे रहेंगे| बच्चों को अधिकार के साथ जिम्मेवारी की बात भी करनी होगी|

इसी तरह इस राज्य स्त्ररीय परामर्शी कार्यशाला का अन्त हुआ| समापन समारोह में विधायक श्री रमेश ॠषिदेव एवं अरूण माँझी भी उपस्थित रहे| बच्चों को प्रशस्ति पत्र भी दिया गया|





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