वैष्णवी कुमारी को किलकारी लेखन विधा से जुड़े एक वर्ष हुआ है और इनकी लेखनी में सृजनशीलता व नयापन है। किसी एक कविता या कहानी को लिखने में कई बार मेहनत करती हैं। कई बार हम चुप्पी से चिढ़ जाते हैं और ख़ुद पर गुस्सा भी पड़ते हैं। इसी चुप्पी को तोड़ते हुए वैष्णवी ने लिखी एक कविता। पढ़िए ज़रा!
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