मन इतना चंचल क्यों है?

आकृति राज को किलकारी के लेखन विधा से जुड़े एक वर्ष हुआ है और इनकी लेखनी में  सृजनशीलता है। इनकी अक्सर रचनाओं में कई तरह सवाल होते हैं और कविताओं में उन सवालों के जवाब भी ढूँढ़ने की कोशिश दिखती है। कोई नई रचना लिखनी हो तो किसी तरह की कोई हड़बड़ी नहीं करतीं। इत्मीनान से हर भाव को महसूस कर एक नई रचना को गढ़ती हैं। 
मन तो चंचल होता है और इस चंचल मन पर विजय पाना मुश्किल होता है। मन की ऐसी हलचल से तंग होकर आकृति ने लिखी है एक कविता। पढ़कर बताइएगा कि कैसा लगा!

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