मकर संक्राति के अवसर किलकारी का नुक्कड़ बाल कवि सम्मेलन

"अब झोरी में धरी की झोरा में धरी
तिलवा के कौनो बोरा-बोरी में धरी

खरमास का अन्त, पतंग रंग-बिरंगा बच्चों की ऐसी कई रंग-बिरंगी कविताएं 14 जनवरी को कुम्हरार पार्क में लोगों को सुनने को मिली| पटना के ऐतिहासिक कुम्हरार पार्क में किलकारी के 30 कवि बच्चों ने कविता पाठ किया| इन नन्हें-मुन्ने बच्चों ने मकर संक्राति के अवसर पर चूड़ा, दही, लाई, तिलवा-तिलकुट, पतंग आदि विषय पर मजेदार कविताएं सुनाई| कुम्हरार पार्क में घुमनें आए लोग बच्चों की मजेदार कविताओं का आनंद ले रहे थे| ये सारे दर्शक तालियों से बच्चों की हौसला-अफजाई भी कर रहे थे| कड़ाके की ठंड में शुरू से अंत तक लोग कविता सुनने को जमे रहे|













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