आज 09 मार्च 2014 को किलकारी बिहार बाल भवन में पाँच दिवसीय ‘सृजनात्मक क्षमता विकास शिविर’ का भव्य समापन समारोह सह प्रदर्शनी एवं तीसरा बालकेन्द्र वार्षिकोत्सव के अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया| इस कार्यक्रम में 14 बाल केन्द्रों से 340 बच्चे शामिल हुए| कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री सरवनम एम, निदेशक, प्राथमिक शिक्षा, शिक्षा विभाग, बिहार सरकार, हसन वारीस, निदेशक, एस सी ई आर टी, पटना, राष्ट्रभाषा निदेशक एवं किलकारी की निदेशिका श्रीमती ज्योति परिहार ने किया|
बच्चों को इस पाँच दिवसीय शिविर में ट्रेनिंग देनेवाले विशेषज्ञ अमित खरसानी, दिलीप कुमार, सुची माथुर एवं उलूपी कुमारी भी उपस्थित रहे|
पाँच घंटो की रंगारंग कार्यक्रम में बच्चों ने कराटे के डेमो, कवि गोष्ठी, नारी शक्ति पर आधारित नाटक ‘लाखो’, 10 नृत्य, दो नाटिका तथा ‘बाल विवाह’ एवं ‘भ्रूण हत्या’ पर आधारित दो नाटक प्रस्तुत किये|
14 बालकेन्द्र से बच्चों ने वर्ष भर में सिखाई विधा (क्राफ्ट, मधुबनी पेंटिंग, चित्रकला, मूर्तिकला) की सुन्दर प्रदर्शनी लगाई| बच्चों ने पाँच दिन की ट्रेनिंग में सिखी हुई कैलिग्राफी में विशेष शैली में लिखने की कला, पुआल आर्ट में पुआल से कागज पर चित्र बनाना, वायर क्राफ्ट कला में चश्मा, ज्वेलरी बनाना, मंजुषा पेंटिंग में विशेष तरह की पेंटिंग कला का बखुबी प्रदर्शन किया|
विशेषज्ञों ने बच्चों की सृजन क्षमता की विशेष प्रशंसा की|
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