विज्ञान कार्यशाला का आज दूसरा दिन था। विशेषज्ञ
डी.के. पॉल, प्रोफेसर, पटना यूनिवर्सिटी ने बच्चों को Acidity of Water, Alkalinity of Water, Hardness of
Water, Free CO2 of Water पर परिक्षण करवाया। बच्चों को
खुद से
Titration करना
काफी अच्छा लगा। साथ ही कम्पाउण्ड माइक्रोस्कोप की सहायता से विभिन्न जीवविज्ञान के
स्लाइड दिखाया गया एवं माइक्रोप्स पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई।
क्राफ्ट कार्यशाला का समापन
प्रदर्शनी के साथ हुआ। विशेषज्ञ पवन कुमार सिंह बच्चों को एल्यूमीनियम एवं घड़े से हार्ड
बोर्ड से चाभी होल्डर बनाना, प्लाई एवं घड़े से सजावटी समान बनाना बताया।
कन्टेम्प्रेरी डांस के प्रशिक्षक
ने बच्चों को ‘बचपन बचाओ’ थीम पर अभ्यास कराया।
पेन्टिंग विधा के प्रथम सत्र
में वाटर कलर कार्यशाला की शुरुआत हुई। विशेषज्ञ दिनेश कुमार ने बच्चों को वाटर कलर
से प्राकृतिक दृश्य बनाना सिखाया। उन्होंने बच्चों को हर रंग के महत्व की जानकारी दी।
साथ ही ग्लास वर्क कार्यशाला की शुरुआत हुई। जिसके अन्तर्गत प्रशिक्षक द्वारा बच्चों
को शीशे के जग पर गोल्डेन कलर से आउटलाइन करके डिजाइन करना बताया गया।
आज के दिन बच्चों का मुख्य
आकर्षण ‘जलेबी खाओ प्रतियोगिता’ रहा। इसमें 250 बच्चों ने भाग लिया। इस खेल
में बच्चों को दौड़कर जलेबियाँ खानी थी। जैसे ही सीटी बजी उत्साहित बच्चें दौड़ जलेबियाँ
खाने को। इस प्रतियोगिता को संचालित कर रहे पवन कुमार (क्राफ्ट प्रशिक्षक, किलकारी) के अनुसार ‘जलेबी खाओ प्रतियोगिता का उद्द्देश्य
विजेता चुनना नहीं बल्कि बच्चों की सहभागिता को बढ़ावा देना है।
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