शतरंज
के पांच दिवसीय शिविर का आज समापन हुआ। सिनियर बच्चों को पावर प्ले चेस सॉफ्टवेयर
के विडियो के माध्यम से चेस के विभिन्न चालों को दर्शाया गया एवं पावर प्ले सिरिज
के 1 से 5 वाल्यूम का विडियो दिखाया गया। साथ ही गेम के माध्यम से उनका प्रायोगिक
प्रशिक्षण भी दिया गया। वहीं जूनियर बच्चों के साथ चेस के वेसिक जानकारियों को
डेमोन्सट्रेशन वोर्ड के माध्यम से बताया गया। इस शिविर में बच्चें चेस के भविष्य
और वर्तमान स्थिति से भी परिचित हुए साथ ही उन्होनें चेस में कैरियर की संभावनाओं
से भी परिचय प्राप्त किया। बच्चों ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि पहले
वे शतरंज खेलते थे पर सही जानकरी न होने के कारण खेल में हमेशा हारते रहते थे लेकिन
अब उन बच्चों को हराते हैं जिनसे वे हारते थे।
ताइक्वांडो
प्रशिक्षण के अंतिम दिन बच्चों को आत्मरक्षा की तकनीक, किक एवं पंचों के साथ फाइट
करना सिखाया गया।
बाल
भवन में इधर-उधर पड़े वेस्ट मेटेरियल से कलाकृति निर्मान कार्यशाला का आज समापन हुआ। विशेषज्ञ अमरेश कुमार ने लकड़ी के छोटे-छोटे
टुकड़ों से कलाकृति बनाना सिखाया। इस क्रम में बच्चों ने झूला, बिच्छू, आदमी, डोली,
जिराफ इत्यादि बनाया। बच्चों का यह अनुभव बहुत खास रहा।
पेंटिंग
कार्यशाला में चल रहे मिरर वर्क का आज समापन हुआ। इस कार्यशाला में बच्चों ने आईने
के ऊपर प्लास्टर ऑफ पेरिस, सेरामिक, फेविक ग्लू, शंख, कौड़ी आदि का प्रयोग कर मिरर
वर्क का काम किया। बच्चों के द्वारा किये हुए कार्य को देखकर बड़े लोग आश्चर्यचकित
थे।
आज
के दिन बच्चों का मुख्य आकर्षण फन गेम ‘लक बाई चांस’ रहा। बच्चों ने इस खेल में
बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। साथ ही साथ मौज मस्ती करते हुए खेल का लुत्फ उठाया। इस गेम
में लगभग 100 बच्चों ने भाग लिया। विजेता रहे बच्चों के बीच खेल संचालक “डिजाईन
क्वेस्ट’ टीम के द्वारा पुरस्कार वितरण किया गया।
0 Comments