फोटोग्राफी कार्यशाला में बच्चों को प्रशिक्षक ने
फोटोग्राफी की नई तकनीकियों जैसे-प्रकाश संयोजन, सेट तैयार कर फोटोग्राफी की
जानकारी दी। बच्चों को जाने-माने देशी-विदेशी फोटोग्राफरों का काम दिखाया गया और
उन्ही फोटोग्राफरों की खिंची गई फोटो की तरह ही बच्चों को फोटो खींचने को कहा गया।
कुछ बच्चों ने इस काम को बखुबी किया।
क्राफ्ट की कार्यशाला में कलकता के (गवरमेन्ट कॉलेज ऑफ
एंड क्राफ्ट) टेरोकोट क सुप्रसिध्द विशेशज्ञ महेन्द्र पाल एवं उनके साथी गोलम सरवर के व्दारा
बच्चों को मिट्टी के चकौर टुकड़े पर फूल, मंदिर, गुड़िया आदि का कसीदा बनवाया गया।
बच्चों को सबसे ज्यादा मचा खेल में आता है। खेल में
बच्चों को अपने नियम, अपना निर्णय एवं समूह भावना जागृह होती है। किलकारी, बिहार
बाल भवन में समर कैम्प के दौरान प्रत्येक दिन एक नया-नया आनंददयाक खेल किया जा रहा
है। आज ‘पासिंग द बॉल’ खेल में बच्चों ने खूब आनंद उठाया। इस खेल में 150 बच्चों
की भागीदारी हुई। गोलाकार में बैठे बच्चे म्यूजिक के सहारे गेंद एक दूसरे के हाथों
में पास करते है। जैसे ही म्यूजिक बन्द होता है और जिस बच्चे के हाथ में गेंद होती
है उस बच्चा को गीत या डांस या कोई भी अभिनय करना होता है। इस खेल में हार-जीत नही
होती है। कोई भी विजेता नही होता। बच्चे केवल मस्ती करते है।
चकौर टुकड़े पर फूल, मंदिर, गुड़िया आदि का कसीदा बनाते हुए |
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