Parents’ meeting
was held at ‘Kilkari’ Bihar Bal Bhawan on 07-02-2015. In this meeting, parents came to
know about Kilkari Bal Bhawan.
Before starting the
meeting, Kilkari Song, Thumak-Thumak 2013 Dance Festival video and two
documentary films on Kilkari were shown to the parents. They also came to know about Kilkari since its beginning
on the screen.
Meeting was started by lighting
the lamp by parents. On addressing the parents, Kilkari Director Smt. Jyoti
Parihar pointed out the objective of this meeting, first, what do you think
about Kilkari? and second, what should be, and what not at Kilkari?
Kilkari Creative Writing Class
child Bal Sahayogi ‘Akash’ and Shri Rajiv Ranjan
Shrivastava managed the stage as announcer and made the atmosphere very
pleasant.
Rajiv ji explained very nicely
the BaLA (Building as Learning Aid) design behind the building of the beautiful ‘Kilkari Building’. He also introduced the children who got achievements in
various arts, through New Year calendar.
Impact on Parents:
Parents got the information, some of them are of
the children who got achievements, and they were inspired.
They told that they will also send their children
continuously to Kilkari and also expressed the hope that their
children will also reach that height.
Parents’ Feedback:
1) Shubham’s Mummy – First listen
to the children then advise what is right and what is not right. Parents should
inspire the children. Studies are also required. Children should go to school
first, study, and then come to Kilkari.
2) Suhani Soumya’s Father – Many
many thanks to all of you at Kilkari that you called us
and gave your precious time to us.
3) Most of the Parents – This
meeting should be in every month and preferably on Sunday.
4) Shrishti’s Mummy – Our
children should come to Kilkari, learn, move forward, and all the children also move forward.
5) Pallavi Rani’s Father –
Pallavi received fifty thousand rupees in a painting competition. I am very
happy.
6) Neha Kumari’s Father – Neha
received 14 prizes as of date. I am very proud of her.
7) Asif Ali’s Mummy
– My son learns computer. One day my son had not reached home till late evening.
Called Sir, but came to know that my son has already left Kilkari, had very
anxiety. After sometime Sir had called back and asked whether Asif had reached
home. Then we told, “Yes, his bicycle was down, thus, he had gone to repair the
same, so he had reached home late”. Glad to know that, how much children are
taken care at Kilkari.
In the closing
session of the meeting, Kilkari Director said while addressing the parents, “Every
Parents has a dream that they would be known by their child’s name. Today,
children associated with Kilkari are doing that, this is very important and a matter
of happiness”. She further said, “Your children is our children”. Both have the
same concern that, ‘How the child will move forward?’. So you can call us at
midnight also, if required. There are no holidays for us.
After the
meeting, the program ended with holi song and applying Gulal (color) to each
other.
07-02-2015 को ‘किलकारी’ बिहार बाल भवन में अभिभावकों की हुई बैठक में अभिभावकों ने बाल भवन के बारें में जाना।
बैठक आरंभ होने से पहले अभिभावकों को किलकारी गीत, ठुमक-ठुमक 2013 नृत्य महोत्सव का वीडियो एवं किलकारी के बारे
में बनाये गये दो लघु फिल्म दिखाए गए|
अभिभावकों ने इन फिल्मों एवं वीडियो के द्वारा किलकारी के अब तक के सफर हो पर्दे पर देखा|
बैठक की शुरुआत अभिभावकों ने
दीप प्रज्वलित कर किया| किलकारी निदेशक श्रीमती ज्योति परिहार अभिभावकों को संबोधित
करते हुए इस बैठक का उदेश्य बताया, पहला किलकारी के बारे में आप सभी अभिभावकों की क्या राय है? और दूसरा किलकारी में क्या हो, क्या न हो?
किलकारी लेखन विधा का बच्चा
बाल सहयोगी ‘आकाश’ एवं श्री राजीव रंजन श्रीवास्तव ने उद्घोषक के रुप में मंच को संभाला एवं माहौल को बहुत ही खुशनुमा कर
दिया।
राजीव जी ने ‘किलकारी’ बिहार बाल भवन के निर्माण में
बाला डिजाइन के माध्यम को बखूबी अभिभावकों को बताया। किलकारी नववर्ष कैलेण्डर के माध्यम से उपलब्धि वाले बच्चों का परिचय कराया| साथ ही, किलकारी में बच्चें आते है, वे क्या सीखते है, उन्हे कौन-कौन संभालते है, इसे बताते हुए सभी
कार्यालय कर्मी एवं प्रशिक्षकों का अभिभावकों से परिचय कराया।
अभिभावकों पर प्रभाव:
अभिभावकों को इसकी जानकारी मिली जिसमें
से कुछ अभिभावक तो उपलब्धि वाले बच्चों के ही थे और सभी नए अभिभावकों को इसकी जानकारी
मिली तथा प्रेरित हुए| अपने बच्चों को किलकारी
में लगातार भेजने की बात रखी और उम्मीद भी जताई कि उनके बच्चें भी उसी ऊँचाई तक पहुँचे|
अभिभावकों की प्रतिक्रिया:
1) शुभम की मम्मी - बच्चें को पहले सुनिये फिर आगे बताइए कि क्या सही है और क्या सही नहीं है। अभिभावक का बच्चों के प्रति प्रोत्साहन तो रहना ही चाहिए। साथ ही पढ़ाई भी जरुरी है। बच्चा पहले स्कुल जाए, पढ़ाई करें, फिर किलकारी आए।
2) सुहानी सौम्या के पिता - आप किलकारी के सभी सदस्यगण
को बहुत-बहुत बधाई कि आप अपना कीमती वक्त निकालकर हमें बुलाया।
3) ज्यादातर अभिभावक - यह बैठक हर महीने होनी
चाहिए और रविवार को हो।
4) सृष्टि की मम्मी - हमारे बच्चें किलकारी आए, सीखे, आगे बढ़े और सभी बच्चें आगे बढ़े।
5) पल्लवी रानी के पिता - पल्लवीं को पेंटिंग कम्पीटीशन में 50
हजार रु का पुरस्कार मिला बहुत खुशी हुई।
6) नेहा कुमारी के पिता - नेहा अब तक किलकारी के तरफ से 14 पुरस्कार जीत चुकी हैं, बहुत खुशी होती हैं।
7) आशीफ अली की मम्मी - मेरा बेटा कम्प्यूटर
सीखता है| एक बार मेरा बच्चा देर तक घर नहीं पहुँचा, तो सर को फोन किये,
पता चला मेरा बेटा किलकारी से निकल चुका, काफी घबराहट हुई| फिर थोड़ी देर बाद सर फोन कर के पूछे आशिफ घर आया तो हमनें कहा, “हाँ, उसका साइकिल खराब हो गया था तो साइकिल बनवाने
में लेट हो गया इसलिए घर लेट पहुँचा।“ यह जानकर बहुत खुशी हुई कि, किलकारी में बच्चों का कितना ध्यान रखा जाता है।
बैठक के समापन सत्र
में किलकारी निदेशक ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा, “हर माँ-बाप का सपना होता है कि उन्हें बच्चे
के नाम से जाना जाए| आज किलकारी से जुड़े बच्चें ऐसा कर रहे है
यह बहुत बड़ी और खुशी की बात हैं|” उन्होनें आगे कहा,
“आपका बच्चा, हमारा बच्चा है| दोनों की चिंता एक
ही है कि, ‘बच्चा आगे कैसे बढ़े|’ इसलिए
आप हमें रात के बारह बजे भी जरुरत पड़े तो कॉल कर सकते है| हमारे लिए कोई छुट्टी नहीं
हैं|”
बैठक के उपरांत होली
गीत और एक-दूसरे को गुलाल लगाकार कार्यक्रम की समाप्ति हुई|
The presence of
Parents and Children
अभिभावकों एवं
बच्चों की उपस्थिति
Bal Sahayogi ‘Akash’ managing the stage
बाल सहयोगी ‘आकाश’ मंच संभालते हुए
Parents lighting
the lamp
अभिभावकगण दीप
प्रज्वलित करते हुए
Rajiv Ji telling
about the achievements of the children
राजीव जी बच्चों की
उपलब्धियों के बारे में बताते हुए
Parents giving
their feedback
अभिभावकगण अपनी प्रतिक्रिया देते हुए
Parents and
children applying Gulal (color) to each other while singing Holi song
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