किलकारी में बच्चों के समर कैम्प का पांचवा दिन

किलकारी समर कैम्प के पांचवा दिन बच्चों में उत्साह का माहौल था।  फोटोग्राफी कार्यशाला,   विज्ञान, संगीत,  डॉल मेकिंग,  सिरामिक आर्ट,  पेन्टिंग,  नाटक,  डांस,  एरोविक,  कराटे,  तवाइक्वांडो,  फोटोग्राफी,  कम्प्यूटर,  बॉल बैडमिन्टन,  सिलम्बम,  जिमनास्टिक, संस्कृतम्भषण आदि कई विधाओं में बच्चें प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है।

 ‘संस्कृत संम्भाषण’ का दस दिवसीय कार्यशाला चल रहा है। बच्चे बोलचाल के लहजे में  संस्कृत बोलना सीख रहे हैं। बातों ही बातों में व्याकरण का भी ज्ञान हो रहा है।  बहुत सरल तरीके से बच्चों ने अब तक अपना परिचय, आस पास की चीजों की जानकारी सीख ली है। विशेषज्ञ श्री मुकेश कुमार ओझा एवं डॉ. मिथिलेश मिश्रा बड़े ही रोचक तरीके से बच्चों को संस्कृत  में बोलना सीखा रहे हैं।

 सुप्रसिद्ध फोटोग्राफी जॉन मैथ्यू के साथ किलकारी फोटोग्राफी टीम के 30 बच्चे मनेर गए।  वहाँ उन्होंने मनेर दरगाह की तसवीरें अलग-अलग एंगल से खींचा।  डॉ. मैथ्यू ने बच्चों को फोटोग्राफी के नए तकनीकीयों  जैसे-प्रकाश संयोजन, सेट तैयार कर फोटोग्राफी की जानकारी दी।

विज्ञान की कार्यशाला में बच्चों ने इलेक्ट्रोमैगनेट के बारे में जाना। इस विधि के माध्यम से बच्चे को एक साधारण लोहा में मैगनेट गुण कैसे आता है  बताया गया।  इसी विधि से बड़ें-बड़ें क्रेन कार्य करते हैं। दूसरे सत्र में बच्चों ने बैलून से राकेट बनाना बताया गया। इस विधा में 60 बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है।

 पेन्टिंग कार्यशाला में बच्चों को इयरबर्ड डॉट डिजाइन में स्केच के ऊपर डॉट देकर कलर करना बताया गया।

स्पोकेन इंग्लिश के प्रशिक्षण के द्वारा बच्चों को शब्दों का उच्चारण कैसे किया जाता है, बताया गया। बच्चों को ‘मेमेरी पॉवर’ प्रशिक्षण 7 जून, 2014 से दिया जाएगा।

संगीत के पांच दिवसीय कार्यशाला की आज चौथा दिन था। बच्चों को पर्यावरण गीत  सिखाया जा रहा है। संगीत प्रशिक्षक तबला का परिचय दिए और हारमोनियम पर स्वरों की पहचान करवाए।

नृत्य कार्यशाला में बच्चों को भारतनाट्यम नृत्य के प्रकार, शास्त्रीय एवं लोकनृत्य में अंतर बताया गया। खेल-खेल में भारतनाट्यम नृत्य के गूढ रहस्यों को बड़ें उमंग के साथ सीखा।

बच्चों को तीन दिन से एरोविक का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा था। आज एरोविक में जुम्बा स्टाइल में प्रशिक्षण दिया गया जो कि एरोविक का ही नया तरीका है। इस डांस में बॉडी मूवमेन्ट अच्छा होता है जिससे एकस्ट्रा चर्बी खत्म होता है; जो कि स्वास्थ्य के लिए काफी आच्छा माना जाता है।

आज बाल केन्द्र गोलघर के बच्चों के द्वारा ‘बुध्द शरणम गच्छामि’ नाटक प्रस्तुत किया गया। इस नाटक के लेखक श्याम स्थाना हैं। इस नाटक से बच्चों को यह संदेश मिलती है कि हम सभी ईश्वर की संतान है। हमारे बीच कोई भेदभाव नहीं है। सभी आपस में समान है।


इसके अलावा आज के दिन बच्चों का मुख्य आकर्षण ‘गोलगप्पा प्रतियोगिता’ रहा। बच्चों ने ‘गोलगप्पा प्रतियोगिता’ में खुब मस्ती की। इस रेस में लगभग 700 बच्चों ने भाग लिया।

मनेर भ्रमण


इयरबर्ड डॉट डिजाइन में कलर

सेरामिक बोर्ड कलर

संगीत का अभ्यास


नृत्य का अभ्यास


गोल-गप्पाप्रतियोगिता


बच्चों की मस्ती

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