किलकारी समर कैम्प के छठे दिन भी बच्चों मे
उत्साह और खुशियों का माहौल था। फोटोग्राफी कार्यशाला, विज्ञान, संगीत, डॉल
मेकिंग, सिरामिक आर्ट, नाटक, डांस, एरोविक, कराटे, तवाइक्वांडो, ग्राफिक्स, टिकुली
आर्ट, फोटोग्राफी, कम्पयूटर, बॉल बैडमिंटन, सिलम्बम, जिमनासिट्क, संस्कृत, सम्भाषण
आदि कई विधाओं में बच्चें प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
किलकारी समर कैम्प में ‘टिकुली आर्ट’ की पांच
दिवसीय कार्यशाला चल रही हैं। जाने माने विशेषज्ञ अशोक कुमार विश्वास के नेतृत्व
में बच्चें इस कला को सीख रहे हैं। टिकुली कला बिहार की पारम्परिक लोक कला है।
जिसे कांच पर सोने का वर्क चढ़ाकर 2500 साल पहले किया जाता था। धीरे-धीरे इसके
स्वरुप में बदलाव आया। वर्तमान में हार्ड बोर्ड पर एनामेल पेन्ट से मधुबनी
पेन्टिंग एवं कई तरह की पेन्टिंग की जाती है। घरों को सजाने में इस कला का प्रयोग
किया जाता है। इस विधा में कुल 22 बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है।
फोटोशॉप एवं विडियो एडिटिंग की कार्यशाला में
विशेषज्ञ रीतेश कुमार के द्वारा बच्चों को इमेज एडिटिंग सॉप्टवेयर के बारे में
बताया गया। फोटोशॉप से कैसे फोटो को परफेक्ट किया जाता है, इसकी जानकारी दी गई। विशेषज्ञ रीतेश कुमार
यूनिवर्सिटी राजस्थान में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है। ये कॉम्यूनिकेशन डिजाइन कोऑर्डिनेटर
है। इस विधा में कुल 40 बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है।
ग्राफिक्स की कार्यशाला में बच्चों को जाने-माने
विशेषज्ञ अभिजीत सिंह के द्वारा ‘ग्राफिक्स एवं पेपर क्राफ्ट’ का प्रशिक्षण दिया
जा रहा है। उन्होंने बच्चों को ग्राफिक्स के बारे में बताया एवं अखबार से विभिन्न
तरह का बैग बनाना सिखाया। इस विधा में कुल
35 बच्चें प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है।
विज्ञान की कार्यशाला में बच्चों ने शुध्द पानी
का TDS (Total Dissolved solid) जाना और पानी की अशुद्धि
कैसे जांची जाती है वह सीखा। दूसरे सत्र में बिना चढ़े गोलघर की ऊंचाई को नापना
बच्चों को बताया गया। इस विधि के द्वारा बच्चें कोई भी वस्तु जैसे-इमारत, टावर की
ऊंचाई बिना चढ़े ज्ञात कर है। इस विधा में कुल 55 बच्चें प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे
है।
संगीत की पांच दिवसीय कार्यशाला का आज पांचवा दिन था। आज
बच्चों को ‘रविन्द्र संगीत’ का अभ्यास कराया गया। इस विधा में कुल 33 बच्चें प्रशिक्षण
प्राप्त कर रहे है।
नाटक कार्यशाला में आज प्रशिक्षक बच्चों को आवाज, उनका मंच
पर चलना, ताल, संगीत को लेकर नाटक “कीचड़ में कमल’ पर अभ्यास कराया गया।
किलकारी, बिहार भवन की चलंत पुस्तकालय द्वारा अम्बेदकर भवन,
संदलपुर स्लम एवं अम्बेदकर भवन, नाला रोड में दिवसीय समर कैम्प का शुभ आरम्भ किया गया।
समर कैम्प के पहले दिन (03.06.14)
सात तरह की टोपिया बनाना सीखा। दूसरे दिन (04.06.14)
रद्दी कागज से डब्बा बनाना सीखा। यह खेल आनंददायक खेल, रोचक कहानियाँ सुनना,
चित्राकन, मैजिक एवं प्रदर्शनी लगाने की योजना हैं। इस कैम्प में दोनों स्थानों पर
40 बच्चें शामिल हो रहे हैं।
इसके अलावा आज के दिन
बच्चों का मुख्य आकरषण फन गेम ‘लक बाई चांस’ रहा। बच्चों ने ‘लक बाई चांस’ गेम में
खूब मस्ती की। इस रेस में लगभग 250 बच्चों ने भाग लिया। अंकुश राज, राहुल राज,
पायल, सुमित, निखिल, दीपक और शुभम विजेता रहे। विजेता रहे बच्चों के बीच खेल
संचालक “डिजाईन क्वेस्ट टिम (एलेक्स कुमार, हिमांशु कुमार, अभिषेक स्टेलिन,
अनामिका, जागृति, नित्या, पूजा) के द्वारा पुरस्कार वितरण किया गया। कराटे प्रशिक्षण |
सिलमबम में हवा में लाठी चलाते हुए
क्राफ़्ट क्लास में पेपर बैग बनाकर दिखाते हुए |
संगीत का अभ्यास |
नाटक का अभ्यास करते हुए बच्चें |
डॉल मेंकिंग कला सीखकर डॉल बनाकर दिखाते हुए |
टिकुली आर्ट कला सीखते हुए |
‘लक बाइ चान्स’ गेम का मजा उठाते हुए
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