किलकारी के ग्रीष्मोत्सव में बच्चें
हर दिन कुछ नया सीखते हैं। इसी क्रम में आज बच्चों को लोक संगीत, क्राफ्ट, कथक,
नृत्य, नाटक, कन्टेप्ररी, अंग्रेंजी वर्ड मेमोरी पावर, फोटोग्राफी एवं कम्प्यूटर
का प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा संस्कृत संभाषण का समापन, एक दिवसीय फस्ट एड
एण्ड बेसिक लाईफ स्पोर्ट ट्रेनिंग एवं पेंटिंग में वर्क हुआ।
आज
के मुख्य आकर्षण में संस्कृत
संभाषण का समापन – आज के दिन संस्कृत संभाषण का कार्यशाला समाप्त हुआ। जो कि दस
दिनों से 40 बच्चों के साथ चल रहा था। कार्यशाला का समापन बच्चों ने संस्कृत भाषा
में किया। साथ ही बच्चों ने संस्कृत में गीत की प्रस्तुति दी। इतने कम समय में
संस्कृत भाषा की इतनी अच्छी पकड़ बच्चों में बनी जो सुनते बन रही थी, जिसकी आशा
करना थोड़ा कठिन था जब इस विषय पर कार्यशाला की शुरुआत की गई थी। आगे की योजना बनी
संस्कृत भाषा के प्रति बच्चों को जागरुक करने के लिए, इस विषय में प्रशिक्षण
बच्चों को दिया जाता रहे।
फस्ट एड बेसिक लाईफ स्पोर्ट का एक दिवसीय ट्रेनिंग –
पारस एच.एम.आर.आई. हॉस्पीटल के सहयोग से किलकारी के 70 बच्चों को ‘फस्ट
एड’ एण्ड बेसिक लाईफ स्पोर्ट का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में पारस हॉस्पीटल
के डॉ. शिवनंद गुप्ता (इंचार्ज इमरजेन्सी सर्विसेस) एवं डॉ.फैज (सी.ए. ओ) के साथ
दो पारा मेडिकल स्टॉफ शामिल हुए। डाक्टरों द्वारा बच्चों को फस्ट एड बॉक्स में
होने वाली आवश्यक सामग्रियों की जानकारी दी गई
पेंटिंग में मिरर वर्क का तीसरा दिन- आईन के ऊपर
प्लास्टर ऑफ पेरिस, एमसील, फेब्रिक ग्लू, शंख-कौड़ी इत्यादि का इस्तेमाल करते हुए
मिरर वर्क किया गया, जिसमें 21 बच्चों ने भाग लिया। बच्चों ने कार्यशाला में आईने
के ऊपर पहाड़-पर्वत, मछली, चिड़िया इत्यादि का स्केच तैयार किया एवं स्केच के ऊपर प्लास्टर
ऑफ पेरिस, एमसील, फेब्रिक ग्लू, शंख-कौड़ी से सजाया गया।
आज के दिन का समापन
बच्चों के अंतरक्षरी का तीसरा राउण्ड खेला गया। साथ ही गिटार विधा के बच्चों ने
गिटार की धुन पर ‘अजीब दासताँ है ये’ की बेहतरीन प्रस्तुति दी। गिटार वादन में
मृत्युंजय कुमार, अर्जुन कुमार, प्रतीक कुमार एवं तालिब बच्चें शामिल हुए। संस्कृत संभाषण कार्यशाला का समापन सत्र |
फस्ट एड बेसिक लाईफ स्पोर्ट का एक दिवसीय ट्रेनिंग |
गिटार की धुन पर ‘अजीब दासताँ है ये’ की बेहतरीन प्रस्तुति |
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