किलकारी में बच्चों के समर कैम्प का मस्ती भरा बारहवाँ दिन

बाल अखबार कार्यशाला: किलकारी में हर माह बच्चों द्वरा बाल अखबार प्रकाशित होते है। ब्रह्मांड विषय पर बच्चों नेबाल किलकारीअखबार के लिए कविता-कहानी  एवं अखबार के अन्य स्तम्भ तैयार किए। विशेषज्ञ श्री अमिताभ पाण्डेय एवं श्री राजीव रंजन श्रीवास्त ने बच्चों को अखबार में लिखने के लिए तथ्यों की जानकरी दी, रोचकतापूर्ण शैली में लिखना बताया।
खुला सत्र: लेखन क्लास में प्रसिद्ध साहित्यकार श्री अरुण कमल आए। अदभुत मनोहर यादों का साथ हमारे ये विशेष अतिथि लेकर आए। बच्चों के साथ उनकी बातचीत काफी रोचक एवं ज्ञानवध्र्द्क रही। उनहोंने बच्चों को कविता लिखने के कुछ टिप्स दिए। उन्होनें बताया कविता में लय एवं संगीत होते हैं। कविता शब्दो का खेल है। आप शब्दों के संग खेलेंगे, आसपास की चीजों के बारे में अपनी नजर से देखेंगे उसे शब्दों में डालेंगे कविता बन जाएगी। उन्होनें बच्चों को पाल्लो नरुदो की कविता सुनाई। “ये टमाटर लाल है, ये सितारों से भरा हुआ है।” नागार्जुन एवं शमशेर बहादुर सिंह की कविता बच्चों को सुनाई। ‘सुरज से गपशप’ विषय पर कविता लिखने को दिया। किलकारी के 35 बच्चों ने इस विषय पर पांच मिनट के अंदर 46,81,012 पंक्ति की कविता बना डाली।
ताइक्वांडो का प्रशिक्षण: ताइक्वांडो प्रशिक्षण में बच्चें अपने प्रशिक्षक से आत्मरक्षा कैसे किया जाता है इसकी खास ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे है। इस क्रम में बच्चें किकिंग, पंच, ब्लॉक, जमिपंग, स्ट्रेंचिंग, पावर, स्पीड, फाइटिंग इत्यादि का ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे है। प्रशिक्षक द्वारा ताइक्वांडो कोरियन कराटे का एक रुप है। यह संसार का सबसे हाई लेवल किक वाला खेल है। दुनिया में जूडो के अलावा ताइक्वांडो ही एक खेल है। जो ओलम्पिक गेम्स में शामिल है।
लोक संगीत कार्यशाला: संगीत के कार्यशाला का आज दूसरा दिन था। जिसमें जाने-माने संगीतज्ञ मनोरंजन ओझा के द्वारा मैथिली भाषा के एक गीत के प्रकार ‘नचारी’ के अनर्तगत शिव स्तुति लिखवाया एवं सुर-ताल के बारे में जानकरी दी। दिव्तीय सत्र में माँ की लोरियाँ, देश्भकित गीत, सूफी गीत आदि का अभ्यास कराया गया।
क्राफ्ट कार्यशाला: क्राफ्ट कार्यशाला के विशेषज्ञ पवन कुमार सिंह द्वारा प्रथम सत्र में बच्चों को एल्यूमीनियम एवं हार्ड बोर्ड से चाभी होल्डर बनाने को बताया गया। दिव्तिय सत्र में प्लाई एवं घड़े से सजावटी समान बनाने को बताया गया।
कथक का प्रशिक्षण आरंभ: कथक का प्रशिक्षण में प्रशिक्षक बच्चों को रुपक ताल में मेंडकों बन्दिश (शिव स्तुति) सिखायी गई। साथ ही प्रशिक्षक के द्वारा भरतनाट्यम् का भी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। यह जातिस्वरम नृत्य आधारित है। जो ताल, त्रिपुर, राग कल्याणी, चतुश्र जाति पर आधारित है।
फोटोग्राफी कार्यशाला: आज से फोटोग्राफी कार्यशाला शुरु हुआ। बच्चों को फोटो में फोटो अच्छा कैसे दिखेगा, फोटो में क्या डालना है, फोटो से क्या हटाना है। जैसे- लाइन, सेप, कलर आदि से बारे में बच्चें प्रशिक्षण प्राप्त किये।
फन गेम: इसके अलावा आज के दिन बच्चों का मुख्य आकर्षण फन गेम ‘लक बाई चांस’ रहा। बच्चों ने ‘लक बाई चांस’ गेम में खूब मस्ती की। इस गेम में लगभग 150 बच्चों ने भाग लिया, जिसमें अनुराग कुमार, नूपुर मित्रा, सुष्मीता राय, संजय कुमार एवं करण कुमार विजेता हुए।
 
बच्चें अखबार में लिखने के लिए तथ्यों की जानकरी एवं रोचकतापूर्ण शैली में लिखने की कला सिखते हुए
 
कथक प्रशिक्षण

 
बच्चें फन गेम का मजा उठाते हुए








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