किलकारी में बच्चों के समर कैम्प का मस्ती भरा ग्यारहवाँ दिन

     ग्राफिक्स कार्यशाला के अंतिम दिन आज विशेषज्ञ श्री अभिजित सिंह द्वारास्टेनसिल प्रिंटप्रोसेस का बच्चों ने अभ्यास किया। पेपर बॉक्स/गिफ्ट बॉक्स मेकिंग के लिए कार्ड बोर्ड सीट कटिंग कर इनको बनाना भी बताया गया। सजावट के साथ इसके अन्दर गिफ्ट भरकर किसी को दिया जा सकता है। बच्चों ने तैयार किये गये सामग्रियों की प्रदर्शनी भी लगाई। बच्चों को कार्यशाला में भागीदारी के लिए सार्टिफिकेट प्रदान किया गया।
      फोटोशॉप एवं वीडियो एडिटिंग कार्यशाला के अंतिम दिन विशेषज्ञ श्री रितेश कुमार ने बच्चों को इमेज एडिटिंग में विशेष कमांडस, ट्टूल्स, शार्टकट्स बताए। इन कमांड को अलग-अलग तरिकों से उपयोग करना सिखाया गया। रिजॉल्यूशन चेंज करना, कलर से ब्लैक एण्ड व्हाइट करना बताया गया। साथ ही पहले दिन से पढ़ाये फोटोशॉप के टॉपिक्स का रिविजन कराया गया। कार्यशाला के सत्र के अंत में बच्चों को कार्यशाला में भागीदारी के लिए सार्टिफिकेट प्रदान किया गया।
      संगीत के कार्यशाला शुरु हुआ। जिसमें जाने-माने संगीतज्ञ मनोरंजन ओझा बच्चों को लोक संगीत के महत्व और उपयोगिता के बारे में बताए। उन्होंने बच्चें को अलग-अलग गीत के प्रकार जैसे- सोहर, खिलौना गीत, शादी-विवाह के गीत आदि के बारे में जानकरी दी।
      बाल भवन में इधर-उधर पड़ें वेस्ट मेटेरियल से कलाकृति निर्माण कार्यशाला की शुरुआत हुई। इस कार्यशाला में विशेषज्ञ अमरेश कुमार बच्चों को लकड़ी को काटकर और फिर उन्हें जोड़कर मूर्ती बनाना सीखा रहे है।
      नाटक के कार्यशाला में विशेषज्ञ विनोद राई (एन.एस.डी. स्नातक नई दिल्ली) के द्वारा सीनियर बच्चों का बाल अधिकार आधारित कविता “नमस्कार जी नमस्कार’ का तीन गानों का अभ्यास कराया गया। और जूनियर बच्चों के साथ नाटक “कीचड़ में कमल” के एक गाना का अभ्यास कराया गया।
      क्राफ्ट के कार्यशाला में बच्चों को नारियल पर फेस कटिंग का काम कराया गया। यह काम काफी कठिन था। मगर बच्चों के लगन और मेहनत ने इसे काफी आसान बना दिया।
      समर कैम्प में चलने वाले दस दिवसीय सिलम्बम कार्यशाला का आज प्रदर्शन के साथ समापन हो गया। सिलम्बम के बच्चों को लाठी भांजना, तलवार घुमाना आदि की ट्रेनिंग दी गई थी।                                                                             
ग्राफिक्स कार्यशाला का प्रदर्शनी
                                     
बच्चों को लोक संगीत के महत्व और उपयोगिता के बारे में बताए बताते हुए
                                                                                                                                        
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                    

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