किलकारी
समर कैम्प के आठवें दिन भी बच्चों में उत्साह और खुशियों का माहौल था। फोटोग्राफी
कार्यशाला, विज्ञान, संगीत, डॉल मेकिंग, सिरामिक आर्ट, नाटक, डांस, एरोविक, कराटे,
ताइक्वांडो, ग्राफिक्स, टिकुली आर्ट, फोटोग्राफी, कम्प्यूटर, बॉल बैडमिन्टन,
सिलम्बम, जिमनास्टिक, संस्कृत सम्भाषण आदि कई विधाओं में बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त
कर रहे है।
‘टिकुली
आर्ट’ की पांच दिवसीय कार्यशाला में जाने माने विशेषज्ञ अशोक कुमार विश्वास के
नेतृत्व में बच्चे इस कला को सीख रहे है। बच्चे पहले बोर्ड के ऊपर डिजाइन छपाई
करके उस पर कलर करना सीखे।
फोटोशॉप एवं वीडियो एडिटिंग कार्यशाला में ‘वनस्थली
विधापीठ’ से विशेषज्ञ रीतेश कुमार के व्दारा बच्चों को फोटोशॉप में ओवरव्यू के बाद
कलर स्किम, लेयर, फोटो साइज के बारे में बताया गया। फिल्म कब स्टार्ट हुआ, फोटो
स्टॉप मोशन तकनीक बतायी गयी।
ग्राफिक्स कार्यशाला में बच्चों को जाने-माने
विशेषज्ञ अभिजित सिंह के द्वारा बच्चों को ‘पोर्टफोलियो/डॉक्यूमेंट फोल्डर’ बनाना
सिखाया गया। ‘पोर्ट्फोलियो फोल्डर’ में विशेष कागजात जैसे सार्टिफिकेट, बायोडाटा,
अन्य पेपर्स रख सकते है। यह किसी को गिफ्ट भी कर सकते है। विशेष ‘स्टेनशील प्रिन्ट’
के लिए ओ.एच. पी. सीट पर प्रिंट कर कटिंग प्रोसेस बच्चों को सिखाया गया। जिसमें किलकारी नाम, कुछ विशेष डिजाइन प्रिंट है।
विज्ञान कार्यशाला में बच्चों
को सुप्रसिद्ध खगोलविद अमिताभ पाण्डे के साथ बच्चों ने ‘सन स्पॉट’ के बारे में जाना।
उन्होंने बच्चों को बताया कि जिस तरह चांद में दाग होता है उसी तरह सूरज में भी दाग
होता है जिसे ‘सन स्पॉट’ कहा जाता है। टेलिस्कोप के माध्यम से बच्चें सन
स्पॉट को देखें और यह कैसे बनता है और कैसे कम होता है जाना। आज 16 बच्चे विशेषज्ञ एवं प्रशिक्षक के साथ तरेगना बिहटा
गये।
‘क्राफ्ट कार्यशाला’ में
बच्चों को आज जूट पर सूजनी वर्क करना बताया गया। इसके अन्त्रगत जूट बैग का साईज, कटींग एवं सुजनी कला की जानकारी दी गई साथ ही बैग
के ऊपर धागा के ताके द्वारा सजाना बताया गया। दूसरे सत्र में सूखे नारियल पर फेश कटिंग
करना बताया गया। इसमें सूखे नारियल पर शेप, कटिंग करते समय
क्या-क्या सावधानियाँ होनी चाहिए इसकी जानकारी दी गई।
‘संगीत कार्यशाला’ में बच्चों को ‘माँ की लोरियाँ’
के गीत “छोटे-छोटे बबुआ के घुमरल-घुमरल केश” का अभ्यास कराया गया।
‘नाटक कार्यशाला’ में विशेषज्ञ विनोद राई (एन.एस.डी. स्नातक नई दिल्ली) के द्वारा विशेषज्ञ के रुप में आज नाटक के बड़े बच्चों के साथ दस दिवसीय प्रस्तुति पर कार्यशाला आरंभ की गई। उक्त कार्यशाला में बच्चों के हेतु किलकारी निदेशिका
द्वारा लिखित “बाल अधिकार” पर आधारित कविता “नमस्कार जी नमस्कार” का बच्चों के
द्वारा नाटकीय रुपान्तर के माध्यम से प्रस्तुति तैयार की जाएगी जिसकी प्रस्तुति 20.06.14 को की जाएगी। कार्यशाला के प्रथम दिन 30
बच्चों के साथ नाटक से संबंधित नाटकीय खेल, कन्सट्रेशन इम्प्रोवाइजेशन एवं नाटकीय
संगीत पर कार्य किया गया। साथ ही बच्चों को तीन कार्य भी घर से करके लाने को कहा
गया। जिसमें सबसे मजेदार बातें थी अपने द्वारा निमिर्त् विभिन्न प्रकार के वाद्य
यंत्र जो उनके द्वारा की गई खोज हो।
किलकारी, बिहार भवन की चलंत पुस्तकालय द्वारा
अम्बेदकर भवन, संदलपुर स्लम एवं नाला रोड में पांच दिवसीय समर कैम्प के चोथे दिन
चित्रांकन एवं बीच में स्कूल छोड़ देने वाले 40-50 बच्चों की भागीदारी नियमित हो
रही हैं। यह समर कैम्प पांच दिनों का है जो दिनांक 07.06.14
को बाल भवन में बच्चें, प्ररिभ्रमण करेंगे। इसी के साथ यहाँ समर कैम्प का समापन हो
जायेगा।
‘स्पोकेन इंग्लिश’ कार्यशाला में बच्चों को
ग्रामर एवं स्पीच के बारे में बताया गया। कल ‘मेमोरी पॉवर’ का क्लास शुरु होगा।
इसके अलावा आज के दिन बच्चों का मुख्य
आकषर्शन ‘मैजिक शो’ था। जिसका उद्घाटन किलकारी की निदेशक श्रीमती ज्योति परिहार ने
किया। इस शो में लगभग 200 बच्चें ने मजा लिया। जादूगर धमर्च एवं विजय द्वारा आग से
कबूतर बनाना, कबूतर से फूल बनाना, कपड़े से मछली बनाना दिखाया गया। इसे देख बच्चें
आश्चर्य में पड़ गये। एसे कैसे हुआ? बच्चें सवालों की बौछार करने लगे।
फोटोशॉप कार्यशाला
में फोटो एडिटिंग समझते हुए
ग्राफिक्स कार्यशाला में ‘पोर्टफोलियो/डॉक्यूमेंट फोल्डर’ बनाते हुए |
जूट बैग के ऊपर धागा के ताके लगाते हुए |
सूखे नारियल पर फेश कटिंग करते हुए |
सगीत का अभ्यास करते हुए बच्चें |
विशेषज्ञ विनोद राई से नाटक प्रशिक्षण लेते हुए |
‘मैजिक शो’ देख
बच्चें आश्चर्य में पड़ गये
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