किलकारी समर कैम्प के
नवें दिन भी बच्चों में उत्साह और खुशियों का
माहौल था। फोटोग्राफी
कार्यशाला, विज्ञान, संगीत, डॉल मेकिंग, सिरामिक आर्ट, नाटक, डांस, एरोविक, कराटे , ताइक्वांडो, ग्रफिक्स, टिकुली आर्ट,
फोटोग्राफी, कम्प्यूटर, बॉल बैडमिंटन, सिलम्बम, जिमनास्टिक, संस्कृत सम्भषण आदि कई
विधाओं में बच्चें प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है।
विज्ञान में एक दिवसीय स्ट्रोनॉमी कार्यशाला दिनांक 06.06.2014 को तरेगना बिहटा में
हुआ। यहाँ 16 बच्चे और 3 प्रशिक्षण की टिम
गई थी। कार्यशाला में सबसे पहले विशेशज्ञ बच्चों के साथ तरेगना गाँव पहुँचे जो
कोईलवर के पास परेव स्थान के पास है। यहाँ आर्यभट्ट का एक टापू अवलोकन करने गए। यह
स्थान तरेगना गाँव से डेढ़ किलोमीटर दुर था। कहा जाता है कि इसी स्थान से आर्यभट्ट ने चांद-तारा को देखा था। इसके बाद विशेषज्ञ बच्चों के साथ
शाम में टेलिस्कोप की सहायता से चंद्रमा, मंगल और शनि को देखा। खास बात यह रही कि
किलकारी के टेलिस्कोप से गांव वालों ने भी चांद, तारो को देखा। सुप्रसिध्द खगोलविद
अतिताभ पाण्डे व्दारा सप्तॠषि तारे, स्पाइका, ध्रुव तारा आदि के बारे में पुरी
जानेकारी दी गई। यह एक दिवसीय कार्यशाला बहुत ही रोचक और ज्ञानवर्ध्दक रहा।
कवि सम्मेलन में 40 से अधिक बच्चों ने कविताओं की झड़ी लगा दी। मीठे फलों
का मौसम, चॉकलेट की दुनिया, टिकलो की खुशबू, प्यारा घड़ा, बजाऊँगा डमरु, प्रकृति के
पास, मेरा अधिकार, प्यारी म्च्छड़दानी जैसी एक से एक सुदंर कविता बच्चों की मीठी
आवाज में दर्शकों को बाँधे हुए थे। किलकारी के अनूठे कार्यो में से एक बाल कवि
सम्मेलन भी है। इसमें बच्चें लेखन गतिविधि में शामिल होकर नई-नई कविताएँ लिखते
हैं। आज है कद्दू की शादी, परसों निकलेगी बैंगन की बराती, भले ही गर्मी से हो नाक
में दम, मीठे फलों का है यह मौसम आदि कविताओं के बोल ने बच्चों की मौलिक सैकड़ों
कविताओं की बेहतरीन प्रस्तुति बाल भवन के समर कैम्प में लोगों को सुनने को मिली।
सृजन, स्नेहा, आशुतोष, अंकित, सृष्टि, शिवानी, विष्णु, राहुल, तरुण, वैष्णवी,
विशाल, प्रवीण, घुंघरु, सम्राट, राजन, यश, मुनटुन, नवीन, प्रीति, रश्मि 9 से 16
वर्ष तक के इन बच्चों की रचनाओं ने दर्शक की खुब तालियाँ बटोरी। सृष्टि और शिवानी
इन दोनों लड़कियों ने बाल सुलभ मनोरंजन शैली में इस बाल कवि सम्मेलन को बेहतर
संचालन किया। लगभग डेढ़ घंटे तक बाल कविताओं की प्रस्तुती ने सबका मन मोह लिया।
किलकारी के अनुठे कार्यो में से एक बाल कवि सम्मेलन भी है। किलकारी के निदेशक
श्रीमती ज्योति परिहार ने बताया कि किलकारी में लेखन विधा के बच्चों में कुछेक ने
तो तीन सौ से अधिक कविताएँ लिखि हैं। अधिकतर बच्चों ने तो अव्दशर्तक पुरा कर लिया
है। सृजनात्म्क लेखन विधा के ये बच्चे भविष्य के अच्छे रचनाकार
हो सकते है। वर्तमान में बच्चों व्दारा इतनी बड़ी तादाद में कविता लेखन अपने आप में
एक रिकार्ड है।
ग्राफिक्स
कार्यशाला में विशेषज्ञ अभिजित सिंह के व्दारा आज बच्चे प्रिंट कटींग एवं प्रिटिंग
तकनीक को सीखा। बच्चों ने ओ.एच.पी. सीट पर प्रिंट किये हुए किलकारी नाम, विभिन्न डिजाइन, अपना
नाम को अच्छी तरीके से कटिंग कर, कटिंग किया हुआ ओ.एच.पी सीट को पेपर बैग,
प्रोफाइल फोल्डर के ऊपर रखकर लेटर प्रेस इंक कपड़े में लेकर ओ.एच.पी सीट के ऊपर
चलाकर प्रिंट करने का अभ्यास किया।
फोटोशॉप
एवं विडियो एडिटिंग कार्यशाला में वनस्थली विधापीठ से विशेषज्ञ रीतेश कुमार के
व्दारा ही इमेज एडिटिंग भी बताया गया।
आज से शुरु हुई
ताइक्वांडो प्रशिक्षण में बच्चे अपने प्रशिक्षण से आत्मरक्षा कैसे किया जाता है
इसकी खास ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे है। इस क्रम में बच्चे किकिंग, पंच, ब्लॉक,
जम्पिंग, स्ट्रेंच, पावर, स्पीड, फाइटिंग, इत्यादि का ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे है।
ताइक्वांडो कोरियन कराटे का एक रुप है। यह
संसार का सबसे हाई लेवल किक वाला खेल है। दुनिया में जूडो के अलावा ताइक्वांडो ही
एक ऐसा खेल है जो ओलम्पिक गेम्स शामिल है। इस विधा में 65 बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त
कर रहे है।
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