बच्चों की आवाज़

‘बच्चों की आवाज़’ किलकारी में बच्चों की सुझाव पेटी है| इसमें बच्चें अपने मन की बात, समस्याओं एवं सुझावों को चिट्ठी के द्वारा रखते है| 25-03-2015 को बच्चों की बैठक में लगभग 75 बच्चे शामिल हुए| यह बैठक बच्चों द्वारा बच्चों के लिए आयोजित की जाती है| जिसमें बड़े भी शामिल होकर बच्चों की समस्याओं को सुलझाने में मदद करते है एवं सुझावों को सुनते है|

बच्चों की कुछ महत्वपुर्ण बातें इस बैठक में आई, वे है:
·      बाल भवन और स्कूल में एक मूल अंतर है वो है बच्चों का खुलापन
·      प्रशिक्षक को बच्चों के साथ हमेशा दोस्ताना व्यवहार रखना चाहिए
·      बच्चों द्वारा बाल भवन में मोबाइल का उपयोग नहीं करना चाहिए
·      बड़े एवं छोटे बच्चें मिलजुल कर झूला झूलें
·      बाल भवन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, यहाँ बच्चों के अनुसार गतिविधियाँ चलती है
·      अपने अच्छे गुणों के लिए फरवरी 2015 के लिए दो बच्चों (मनीष कुमार - कम्प्यूटर क्लास एवं सौम्या सुन्दरम - डांस क्लास) को ‘क्राउन ऑफ किलकारी’ से नवाज़ा गया|

साथ ही ‘गुल्लक बच्चा बैंक’ के प्रबंधक बच्चों ने फरवरी 2015 का लेखा-जोखा का विवरण दिया|


किलकारी निदेशक ने सभी को अवगत कराया कि, ‘23 से 24 मार्च 2015 को राष्ट्रीय बाल भवन, नई दिल्ली द्वारा आयोजित विज्ञान भवन, नई दिल्ली में पूरे भारतवर्ष के बाल भवनों के निदेशकों की मीटिंग में किलकारी की सक्रियता के लिए राष्ट्रीय बाल भवन द्वारा सराहना की गई|’

बैठक में सम्मिलित बच्चें
बैठक में बच्चें सुझाव-पत्र पढ़ते हुए
बच्चों की अनुपस्थिति में प्रशिक्षक क्राउन ऑफ किलकारी प्राप्त करते हुए




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